1. यदि आपका व्यवसाय नया है और गति नहीं पकड़ पा रहा है तो आप किसी शुभ समय में नए लाल वस्त्र पर 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र के साथ तीन लघु नारियल को रखकर रुद्राक्ष की माला से "ऐं क्लीं श्रीं" की 11 माला जपकर लाल वस्त्र को पोटली का रूप देकर मुख्यद्वार पर अन्दर की ओर थोड़ी ऊँचाई पर लटका दें I
2. आप किसी पीले वस्त्र में सात अभिमंत्रित गोमती चक्र, तीन लघु नारियल व एक मोती शंख में चाँदी का सिक्का रखकर "ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं" मन्त्र का एक माला का जाप करते हुए थोड़े- थोड़े चावल शंख में डालते जाये I माला पूर्ण होने तक शंख चावल से भर जाना चाहिए I इसके बाद आप सारी सामग्री को वस्त्र में बांधकर उप्रोक्य विधि से मुख्यद्वार पर टांग दें I
3. कई बार व्यवसाय में ऐसा होता है कि किसी ऐसे व्यक्ति को पैसा दिया जाता है जिसके बाद तिजोरी में पैसा रुकता नहीं है I इसके लिए आप किसी शुभ समय में लाल वस्त्र पर तीन अभिमंत्रित गोमती चक्र पाँच धनकारक कौड़ियाँ व एक मोती शंख रखें I मोती शंख में आप एक चाँदी का सिक्का रखें I फिर माँ लक्ष्मी का स्मरण करते हुए "श्रीं" का मानसिक जाप करते हुए थोड़े- थोड़े साबुत चावल शंख में डालते जाये I शंख चावल से भर जाने पर माँ लक्ष्मी से अपने धन कि रक्षा का निवेदन करते हुए सारी सामग्री को वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें इआपके द्वारा जो व्यर्थ का धन जा रहा था वह रुक कर आय के नए मार्ग प्रशस्त होंगे I
4. आप अपने व्यवसाय को यदि गति नहीं दे पा रहे हैं तो आप किसी शुभ समय में एक दक्षिणावर्ती शंख को० विधि- विधान से शुद्ध कर उसमें केसर व अष्टगंध मिश्रित जल भर कर कमलगट्टे कि माला से निम्न मन्त्र कि 11 माला जाप करें- "ॐ ऐं श्रीं सर्वकार्यसिद्धि कुरु कुरु स्वाहा" जाप के बाद हाथ जोड़ कर उठ जाएं I आप अपने व्यवसाय पर जाने से पहले शंख के दर्शन अवश्य करें I
5. आप किसी शुभ समय (दीपावली, होली अथवा ग्रहणकाल) में शुभ- लाभ व्यापार वृद्धि यंत्र लेकर अपने व्यवसाय स्थल पर पूर्वमुखी होकर बैठें I थोड़ी सी नागकेसर के साथ केसर का चूर्ण बना लें I लेप को यंत्र में बने शुभ- लाभ के ऊपर लगा दें I उसके सूखने तक "ॐ नमो नारायणाय" का जाप करें I प्रण लें कि आपके पास आने वाले प्रथम ग्राहक के द्वारा बिके सामान के लाभ में से कुछ रूपये ईश्वर और कुछ गरीब को अवश्य देंगे, फिर भले ही यह मात्रा एक- दो रूपये कि ही क्यों न हो I जब यह सूख जाये तो आप इसको अपने उस स्तन पर पूर्व अथवा पश्चिम मुख कर टांगें I आप इसको फ्रेम भी करवा सकते हैं I आप जब अपने व्यवसाय स्थल पर आयें तो यंत्र के दर्शन करके ही अन्य कार्य आरम्भ करें I कुछ ही दिन में आप चमत्कार महसूस करेंगे I