आयुष्य विधान

पूर्वजन्म कृत अशुभ कर्मों अथवा जन्मकुण्डली के आयु कारक ग्रहों के पीड़ित होने के कारण अथवा मारक दशाओं के प्रभाव से आयु संबंधित कोई दोष हो अथवा हथेली में जीवन रेखा में कोई कमी हो तो शास्त्रों में इन दोषों को दूर करके दीर्घायु की प्राप्ति के लिए अनेक विधान वर्णित हैं I वेदों में लम्बी आयु को एवं निरोगी शरीर को धर्म एवं अर्थ का मुख्य साधन बताया है एवं आज्ञा दी गई है कि मनुष्य ईश्वर की प्राप्ति के श्रेष्ठतम साधन इस शरीर की हर संभव रक्षा करें और लम्बी आयु की प्राप्ति के लिए कुछ दिव्य मंत्र बताये गए हैं जिन्हें आयुष्य मंत्र कहा जाता है I विधिपूर्वक इन मंत्रों का अनुष्ठान सम्पन्न कराने से व्यक्ति सौ वर्ष की रोग रहित आयु भी प्राप्त कर सकता है अतः आपके या किसी अपनों की जन्मकुंडली में यदि ऐसा कोई अल्पायु दोष हो तो इस दिव्य आयुष्य विधान को संस्था के वैदिक ब्राह्मणों से सम्पन्न करवा कर इस अमूल्य जीवन की रक्षा करें I

उत्तम सदाचारी, मन्त्रविद, कर्मकाण्डी विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा आपके कल्याण हेतु कार्यों को सिद्ध कराने वाली विशिष्ट पूजाएं अत्यन्त मनोयोग के साथ आपके दुखों को ध्यान में रखकर सम्पन्न कराई जाती हैं I हजारों व्यक्ति लाभान्वित हुए हैं I